
बेटी हूँ, बेटी ही रहने दो ना जी.....
बेटी हूँ, बेटी ही रहने दो ना जी.....
बेटी को बेटा कहकर बेटी का वजूद ना मिटाओ जी !
सुनो जी पापा, बेटी को कहते हो बेटा,
करके बिदाई बेटी की, रोने को ढुंढते हो कोना,
तो सारी उम्र अपने साथ क्यों नहीं रख सकते जी?
बेटी हूँ, बेटी ही रहने दो ना जी.....
बेटी को बेटा कहकर बेटी का वजूद ना मिटाओ जी !
संस्कारोकी सारी बातें बेटी से ही क्यों कहती हो माँ,
बनो शेरनी बेटे जैसी हर बार सलाह देती हो माँ,
तो बेटे जैसे थोडी ही सही, आझादी क्यो नहीं दे पाते जी?
बेटी हूँ, बेटी ही रहने दो ना जी.....
बेटी को बेटा कहकर बेटी का वजूद ना मिटाओ जी !
माँ-पिता की संतान हम भाई-बहन कहलाते हैं,
भाई करता रक्षा हमेशा दुनिया ये कहती हैं,
जरुरत पडे जो कभी भाई को, क्या बहन कभी मुकर जाती जी?
बेटी हूँ, बेटी ही रहने दो ना जी.....
बेटी को बेटा कहकर बेटी का वजूद ना मिटाओ जी !
मायका कहता ये न घर तेरा, तू तो पराया धन हैं,
ससुराल कहता ये न घर तेरा, तू पराए घर से आयी हैं,
खुद का कुछ ना होते भी, दोनो घर प्यार से संभालती हूँ जी !
बेटी हूँ, बेटी ही रहने दो ना जी.....
बेटी को बेटा कहकर बेटी का वजूद ना मिटाओ जी !
बेटी का दोस्त चुभता, बेटे की सहेली समझ आती हैं,
कंधे से कंधे मिलाना बेटी भी खूब जानती हैं,
छोरी छोरे से कम ना हैं, बात दंगल की ये सच हैं जी !
बेटी हूँ, बेटी ही रहने दो ना जी.....
बेटी को बेटा कहकर बेटी का वजूद ना मिटाओ जी !
दुनिया कहती बेटी को, सबला नही अबला हो तुम,
शायद यहीं वजह हैं कि बेटी को बेटी कह न पाते तुम,
बेटे की आस में बेटी को गर्भ में ना मिटाओ जी !
बेटी हूँ, बेटी ही रहने दो ना जी.....
बेटी को बेटी ही मानकर मन से अपनालो ना जी !
Ruh_d_soul